“श्रावणी मेला 2025: भागलपुर और बांका में जबरदस्त भक्ति का संगम शुरू!”
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🔱 महादेव के भक्तों का महापर्व: श्रावणी मेला
बिहार के भागलपुर और बांका जिलों में हर साल सावन मास में लगने वाला
श्रावणी मेला एक विशाल धार्मिक आयोजन होता है।
श्रावणी मेला 2025 की तैयारियों को लेकर इस बार प्रशासन पहले से ही
एक्टिव मोड में नजर आ रहा है। हजारों की संख्या में आने वाले कांवड़ियों की सुविधा,
सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन ने विशेष योजनाएं बनाई है,

सावन (श्रावण) का महीना हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है।
यह महीना भगवान शिव को समर्पित है,
और इस दौरान शिव भक्त उनकी भक्ति में लीन हो जाते हैं।
Shrawani Mela 2025 Kab Hoga?
सावन 2025 में, यह पवित्र महीना [साल 2025 में सावन का महीना 14 जुलाई 2025, शुक्रवार से शुरू होगा।
यह महीना 9 अगस्त 2025 को समाप्त होगा।
- इस बार सावन में चार सोमवार पड़ेंगे:
- पहला सोमवार: 14 जुलाई 2025
- दूसरा सोमवार: 21 जुलाई 2025
- तीसरा सोमवार: 28 जुलाई 2025
- चौथा सोमवार: 4 अगस्त 202,तक रहेगा। इस ब्लॉग में हम सावन के महत्व, पूजा विधि,
व्रत, और उत्सवों के बारे में विस्तार से जानेंगे
अधिक जानकारी के लिए ये भी पढे https://deshnaukari.com/neet-ug-2025-paper-leak-re-exam-date/
बाबा बैद्यनाथ धाम यात्रा 2025
सावन में क्या करें और क्या न करें

करें:
नियमित रूप से शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
सात्विक भोजन करें और मांस-मदिरा से दूर रहें।
शिव चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें।
न करें:
तामसिक भोजन जैसे लहसुन, प्याज, या मांस का सेवन न करें।
अनावश्यक वाद-विवाद से बचें।
पूजा के दौरान अशुद्धता न बरतें।
Kanwar Yatra Route Bhagalpur Se
Baba Dham Tak
🚩 कहां लगता है यह मेला?
श्रावणी मेला मुख्य रूप से सुल्तानगंज (भागलपुर) से
बाबा बैद्यनाथ धाम (देवघर, झारखंड) तक के 105 किमी लंबी
यात्रा को लेकर प्रसिद्ध है। सुल्तानगंज गंगा नदी का वो स्थान है
जहां से भक्त “गंगाजल” भरते हैं और पैदल यात्रा शुरू करते हैं।
श्रावणी मेला भागलपुर 2025
सावन में पूजा विधि
सावन में भगवान शिव की पूजा करने की विधि सरल लेकिन प्रभावशाली है।
नीचे दी गई विधि का पालन करें:
स्नान और शुद्धता: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
शिवलिंग पूजा: शिवलिंग पर गंगा जल, दूध, दही, शहद, और बिल्वपत्र चढ़ाएं।
मंत्र जाप: “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
रुद्राभिषेक: यह विशेष पूजा शिव मंदिरों में पुजारी द्वारा की जाती है।
व्रत: सावन के सोमवार को व्रत रखें और फलाहार या सात्विक भोजन करें।
सावन के प्रमुख त्योहार

🕉️ श्रावण सोमवार (Shravan Somwar 2025)
सावन के प्रत्येक सोमवार को शिवभक्त बड़ी संख्या में मंदिरों में एकत्र होते हैं।
इस दिन जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और विशेष पूजन करके भगवान शिव को प्रसन्न किया जाता है।
श्रावण सोमवार को व्रत रखने और शिवलिंग पर गंगाजल अर्पण करने का विशेष महत्व होता है।
🐍 नाग पंचमी 2025
सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाती है।
इस दिन श्रद्धालु नाग देवता की पूजा करते हैं और सांपों को दूध अर्पित किया जाता है।
यह पर्व प्रकृति और जीव-जंतुओं के प्रति श्रद्धा को दर्शाता है।
🎁 रक्षा बंधन 2025 (Raksha Bandhan)
सावन की पूर्णिमा को भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षा बंधन का पर्व मनाया जाता है।
बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं,
और भाई उन्हें उपहार देकर सुरक्षा का वचन देते हैं।
🚶♂️ कांवड़ यात्रा 2025 (Kanwar Yatra)
सावन मास में लाखों श्रद्धालु गंगाजल भरकर भगवान शिव
को अर्पित करने के लिए कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं।
यह यात्रा सुल्तानगंज से देवघर या अन्य शिवधामों तक की जाती है,
जहाँ कांवड़िए पैदल चलते हुए “बोल बम” के जयघोष के साथ शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं।
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🛑 प्रशासन की क्या है तैयारी?
✅ DM और SP की संयुक्त बैठक:
भागलपुर और बांका जिले के डीएम और एसपी ने बैठक करके यातायात,
सुरक्षा, स्वास्थ्य और जल आपूर्ति जैसी व्यवस्था पर चर्चा की।
✅ 24×7 कंट्रोल रूम और हेल्पलाइन:
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कंट्रोल रूम और हेल्पलाइन नंबर जारी किए
जाएंगे ताकि किसी भी समस्या का तुरंत समाधान हो सके।
✅ CCTV और ड्रोन निगरानी:
भारी भीड़ को मैनेज करने के लिए CCTV कैमरे और ड्रोन से निगरानी की जाएगी।
✅ स्वास्थ्य केंद्र और एम्बुलेंस:
मेले में कई जगह अस्थाई मेडिकल कैंप, डॉक्टरों की टीम और 24 घंटे एम्बुलेंस सेवा तैनात रहेगी।
✅ विशेष सफाई अभियान:
नगर निगम और पंचायत विभाग ने साफ-सफाई के लिए
अतिरिक्त सफाईकर्मियों की तैनाती की योजना बनाई है।
श्रावणी मेले की तैयारी 2025
सावन में प्रमुख तीर्थ स्थल
सावन के दौरान कुछ प्रसिद्ध शिव मंदिरों में दर्शन करना विशेष फलदायी माना जाता है:
काशी विश्वनाथ, वाराणसी: यह भगवान शिव का प्रमुख मंदिर है।
सोमनाथ मंदिर, गुजरात: ज्योतिर्लिंगों में से एक।
केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड: सावन में कांवड़ यात्रा का प्रमुख केंद्र।
अमरनाथ गुफा: अमरनाथ यात्रा सावन में विशेष रूप से होती है।
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🚶♂️ लाखों कांवड़ियों की उम्मीद
हर साल देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं।
इस बार संख्या और भी अधिक होने की उम्मीद है,
इसलिए रेलवे और परिवहन विभाग ने
अतिरिक्त ट्रेनों और बसों की व्यवस्था की तैयारी शुरू कर दी है।
🙏 शिवभक्ति और आस्था का संगम

श्रावणी मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं,
बल्कि आस्था, भक्ति और समर्पण का पर्व है।
भक्तजन ‘बोल बम’ के जयघोष के साथ कठिन यात्रा करते हैं।
यह मेला आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है।
अधिक जानकारी के लिए पढे :- https://www.aajtak.in/religion/story/savan-2019-which-place-has-known-most-famous-for-savan-mela-in-india-tlif-670371-2019-07-24
🔚 निष्कर्ष
श्रावणी मेला 2025 को लेकर बिहार के प्रशासनिक तंत्र ने जबरदस्त तैयारी की है।
सुरक्षा से लेकर श्रद्धालुओं की सुविधा तक हर पहलू पर काम चल रहा है।
अगर आप भी इस बार बाबा बैद्यनाथ की नगरी जाना चाहते हैं, तो तैयारी अभी से शुरू कर दीजिए!
Author – Sourav