कोलकाता गैंगरेप केस 2025
ने एक बार फिर देशभर में महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!यह चौंकाने वाली घटना न सिर्फ कोलकाता बल्कि पूरे भारत को झकझोर रही है।
इस रिपोर्ट में जानिए पूरी घटना की सच्चाई, पीड़िता की हालत,
पुलिस की कार्रवाई और अब तक की बड़ी अपडेट्स।
कोलकाता गैंगरेप केस 2025
कहां और कब हुई यह घटना?
स्थान: दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज
तारीख: बुधवार, 25 जून 2025
समय: शाम 7:30 बजे से रात 10:50 बजे तक
पीड़िता: 24 वर्षीय प्रथम वर्ष की छात्रा
घटना के अनुसार, पीड़िता एक टेस्ट फॉर्म भरने कॉलेज आई थी।
एक छात्र नेता ने उसे यूनियन रूम में रोक लिया। वहीं उसे शादी का प्रस्ताव दिया गया,
जिसे ठुकराने पर एक पूर्व छात्र और दो सीनियर छात्रों ने मिलकर उसके साथ गैंगरेप किया।

घटना का विवरण: पीड़िता की आपबीती
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गैंगरेप कॉलेज परिसर के गार्ड रूम में हुआ
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पीड़िता ने बताया:“मैंने आरोपी से पैर पकड़कर माफ़ी मांगी, लेकिन उन्होंने मुझे नहीं छोड़ा।”
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घटना के दौरान दम घुटने की स्थिति में उसे inhaler मंगाना पड़ा
आरोपियों ने बलात्कार की वीडियो रिकॉर्डिंग की और धमकी दी कि
“अगर तुमने पुलिस से संपर्क किया तो वीडियो सोशल मीडिया पर डाल देंगे
कोलकाता गैंगरेप केस 2025 के मुख्य आरोपी
नाम | स्थिति | भूमिका |
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मनोजीत मिश्रा (31) | पूर्व छात्र, एड-हॉक स्टाफ | मुख्य आरोपी (बलात्कार किया) |
प्रमित मुखर्जी (20) | वर्तमान छात्र | बाहर पहरे पर था |
जैब अहमद (19) | वर्तमान छात्र | बाहर पहरे पर था |
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मनोजीत मिश्रा एक प्रैक्टिसिंग क्रिमिनल लॉयर है
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और कॉलेज में प्रभावशाली पदों पर रह चुका है
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उसने पीड़िता को महिला संगठन का सचिव बनाकर
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अपनी राजनीतिक पहुंच का इस्तेमाल किया
कोलकाता गैंगरेप केस 2025
मेडिकल जांच में क्या सामने आया?
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पीड़िता के शरीर पर बलपूर्वक संभोग के निशान,
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गर्दन पर चोट के निशान, दांत के काटने के निशान,
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और नाखूनों से खरोंच पाई गईं
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मेडिकल रिपोर्ट ने साफ तौर पर गैंगरेप की पुष्टि की है
पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी
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FIR 26 जून को कासबा पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई
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उसी दिन शाम को तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी हुई
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27 जून को तीनों को कोर्ट में पेश कर 1 जुलाई तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया
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सुप्रीम कोर्ट के अनुसार: गैंगरेप में सभी दोषी
मुख्य अभियोजक सौरिन घोषाल ने कहा:
“गैंगरेप केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सभी शामिल
व्यक्तियों को दोषी माना जाएगा, चाहे रेप सिर्फ एक ने किया हो।”
इस केस में दो आरोपी बाहर खड़े रहकर पहरा दे रहे थे,
इसलिए वो भी समान रूप से दोषी हैं।
कोलकाता गैंगरेप केस 2025 राजनीतिक प्रतिक्रिया:
भाजपा vs टीएमसी
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा:
“पश्चिम बंगाल में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।
कस्बा गैंगरेप केस में टीएमसी कार्यकर्ता शामिल है
और ममता सरकार ऐसे गुंडों को संरक्षण देती है।”
NCW (राष्ट्रीय महिला आयोग) ने घटना का स्वत: संज्ञान लिया है
और राज्य के DGP से 72 घंटे में रिपोर्ट मांगी है।
पिछले मामलों से समानता
यह घटना 2024 के RG Kar Medical College गैंगरेप
और मर्डर केस की भयावह याद दिलाती है।
एक बार फिर कोलकाता में छात्राओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठे हैं।
कोलकाता गैंगरेप केस 2025-
हमारा समाज कहां खड़ा है?
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क्या कॉलेज परिसर अब सुरक्षित नहीं रहे?
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क्या छात्र संगठनों में पद की राजनीति ने नैतिकता की हत्या कर दी?
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क्या कानून सिर्फ तब चलता है जब वीडियो वायरल हो?
पीड़िता की मानसिक स्थिति
और समाज की जिम्मेदारी
बलात्कार सिर्फ एक शारीरिक अपराध नहीं होता, यह पीड़िता के मन,
आत्मा और विश्वास पर गहरा आघात करता है।
इस केस में पीड़िता को:
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मेडिकल सहायता की जरूरत पड़ी
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दम घुटने जैसी अवस्था आई
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inhaler मांगना पड़ा
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वीडियो से ब्लैकमेल किया गया
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न्याय के लिए संघर्ष करना पड़ा
👉 समाज का यह कर्तव्य बनता है कि वह ऐसे मामलों में
पीड़िता को दोषी की नजरों से न देखे,
बल्कि उसे मानसिक समर्थन दे।
🧾 कॉलेज प्रशासन की जिम्मेदारी
यह घटना कॉलेज परिसर के भीतर हुई — एक ऐसी जगह जिसे छात्र सबसे सुरक्षित मानते हैं।
इस घटना से उठते सवाल:
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कॉलेज गार्ड रूम में ये सब कैसे हुआ?
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सुरक्षा गार्ड कहाँ थे?
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कॉलेज में CCTV था या नहीं?
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यूनियन रूम में बाहरी छात्रों का क्या काम?
🎯 अगर कॉलेज प्रशासन सतर्क होता, तो यह घटना शायद रोकी जा सकती थी।
छात्र राजनीति और शोषण की राजनीति
इस केस में आरोपियों ने:
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यूनियन पद देने का लालच दिया
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राजनीतिक दबाव में पद का इस्तेमाल किया
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महिला संगठन का नाम लेकर शोषण किया
👉 यह बेहद चिंताजनक है कि छात्र राजनीति अब सत्ता और
अपराध का अड्डा बनती जा रही है,
जहाँ महिलाएं सबसे आसान शिकार बनती हैं।
कोलकाता गैंगरेप केस 2025
तेजी से न्याय क्यों जरूरी है?
भारत में रेप केसों में न्याय मिलने में:
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वर्षों लग जाते हैं
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पीड़िता बार-बार मानसिक रूप से टूटती है
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आरोपी जमानत पर बाहर घूमते हैं
इसलिए ऐसे मामलों में:
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Fast Track Court की ज़रूरत है
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आरोपियों की पहचान उजागर हो
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सोशल मीडिया पर वीडियो लीक करने की धमकी देने वालों पर IT Act के तहत कार्रवाई हो
शिक्षा संस्थानों में जागरूकता की आवश्यकता
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हर कॉलेज में Gender Sensitization वर्कशॉप होनी चाहिए
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छात्राओं को Legal Rights के बारे में बताया जाना चाहिए
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प्रशासन को Anonymous Complaint Box जैसी व्यवस्था करनी चाहिए
समाज के लिए अपील
इस केस को सिर्फ एक न्यूज़ हेडलाइन न बनने दें।
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इसके खिलाफ आवाज़ उठाएं
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पोस्ट शेयर करें
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कॉलेज और सरकार को जवाबदेह बनाएं
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पीड़िता को न्याय दिलाने में अपनी भूमिका निभाएं
निष्कर्ष: न्याय चाहिए, राजनीति नहीं
इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। अब समय है कि:
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न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाई जाए
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पीड़िता को मानसिक और कानूनी सहायता दी जाए
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कॉलेज प्रशासन को जवाबदेह ठहराया जाए
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राजनीतिक दल इस मुद्दे को अपने स्वार्थ के बजाय
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महिला सुरक्षा की प्राथमिकता बनाएं