9 जुलाई भारत बंद 2025
भारत बंद 2025 – क्या हो रहा है?
9 जुलाई 2025 को देश भर के 25 करोड़ से अधिक मज़दूर और कर्मचारी
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!एकजुट होकर सार्वजनिक हड़ताल (General Strike) पर हैं।
इस भारत बंद का आयोजन देश की 10 प्रमुख ट्रेड यूनियनों ने मिलकर किया है,
जिसमें बैंकिंग, बीमा, परिवहन, खनन, निर्माण, डाक सेवा, और ग्रामीण क्षेत्र के संगठन भी शामिल हैं।
यह भारत बंद कोई सामान्य विरोध नहीं, बल्कि वर्षों से मजदूरों के हक में आवाज़ उठाने का नतीजा है।
किसने बुलाया है यह हड़ताल?
संगठन का नाम | शामिल/नहीं |
---|---|
इंटक (INTUC) | ✅ शामिल |
एटक (AITUC) | ✅ शामिल |
सीटू (CITU) | ✅ शामिल |
एचएमएस (HMS) | ✅ शामिल |
बीएमएस (BMS) | ❌ शामिल नहीं (RSS से जुड़ा संगठन) |
इन ट्रेड यूनियनों के साथ-साथ किसान संगठन, कृषि मजदूर संगठन
और ग्रामीण कर्मचारी भी इस हड़ताल में समर्थन दे रहे हैं।
हड़ताल की मुख्य मांगे क्या हैं?
श्रमिक संगठनों द्वारा उठाई गई प्रमुख मांगें:
29 श्रम कानूनों में बदलावों को रद्द किया जाए
नई लेबर कोड्स को वापस लिया जाए
ठेका मजदूरी और अस्थायी रोजगार को समाप्त किया जाए
सभी श्रमिकों को न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा दी जाए
सरकारी कंपनियों का निजीकरण रोका जाए
महंगाई और बेरोजगारी पर ठोस कार्रवाई की जाए
इन मांगों को सरकार द्वारा नज़रअंदाज किए जाने के कारण ही मज़दूरों ने सड़कों पर उतरने का फैसला लिया है।
हड़ताल का असर किन क्षेत्रों पर पड़ेगा?

इन क्षेत्रों में बड़े स्तर पर कामकाज प्रभावित रहेगा:
✅ बैंकिंग और बीमा सेवाएं
✅ डाक और कूरियर सेवाएं
✅ खनन और निर्माण कार्य
✅ पब्लिक ट्रांसपोर्ट (बस, ट्रेन, ट्रक)
✅ राज्य और केंद्र सरकार के कुछ कार्यालय
हालांकि, आपातकालीन सेवाएं (जैसे एम्बुलेंस, अस्पताल आदि) को इससे बाहर रखा गया है।
9 जुलाई भारत बंद 2025-बेंगलुरु में खासतौर पर भारी असर
बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में 4000 से 5000 लोगों के इकट्ठा होने की संभावना है, जिसके चलते:
ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है
केंद्रीय मार्गों पर यातायात धीमा रहेगा
वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी गई है
📢 “Traffic Advisory: 09.07.25 को Freedom Park में बड़ा विरोध प्रदर्शन होगा।
कृपया वैकल्पिक मार्ग अपनाएं।” — बेंगलुरु पुलिस
9 जुलाई भारत बंद 2025 -अब विरोध क्यों हो रहा है?
हालांकि 29 लेबर लॉ और 4 लेबर कोड्स पहले ही लागू किए जा चुके हैं, फिर भी अब हड़ताल क्यों?
➡️ क्योंकि अब उनके प्रभाव जमीन पर दिखने लगे हैं:
श्रमिकों की नौकरी अस्थिर हुई है
सामाजिक सुरक्षा योजनाएं कट गई हैं
ठेकेदारी प्रथा बढ़ गई है
यूनियन की ताकत कम कर दी गई है
इसलिए, ट्रेड यूनियन अब इसे “मज़दूर विरोधी और कॉरपोरेट समर्थक नीति” मानकर विरोध कर रही हैं।
भारत बंद 2025 किसान और ग्रामीण संगठन क्यों जुड़ रहे हैं?
क्योंकि ये नीतियां केवल शहरी कामगारों को ही नहीं, बल्कि ग्रामीण मजदूरों, खेतिहर किसानों,
मनरेगा श्रमिकों और छोटे कारोबारियों को भी प्रभावित करती हैं:
MSP गारंटी की मांग
कृषि श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा
ग्रामीण बेरोजगारी पर नियंत्रण
9 जुलाई भारत बंद 2025 क्या होगा इस हड़ताल का असर?
✔️ तत्काल असर:
शहरों में ट्रैफिक जाम
बैंकों में कामकाज बाधित
पब्लिक ट्रांसपोर्ट धीमा
सरकारी दफ्तरों में कम स्टाफ
- TIMES OF INDIA REPORTS- CLICK
- THE HINDU REPORTS-CLICK
✔️ दीर्घकालिक असर:
सरकार पर दबाव बढ़ेगा
मजदूर हितों पर चर्चा को बल मिलेगा
विपक्ष को मुद्दा मिलेगा
श्रम नीति में बदलाव की उम्मीद
भारत बंद 2025 – एक नजर में
🔹 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का भारत बंद
🔹 25 करोड़ से अधिक मजदूरों की भागीदारी
🔹 लेबर कोड और निजीकरण के विरोध में हड़ताल
🔹 बेंगलुरु सहित कई शहरों में ट्रैफिक जाम की आशंका
🔹 किसानों और ग्रामीण संगठनों का भी समर्थन
भारत बंद 2025 -निष्कर्ष
9 जुलाई 2025 का भारत बंद केवल एक विरोध प्रदर्शन नहीं, यह श्रमिकों,
किसानों और आम जनता की एकता और उनके अधिकारों की आवाज़ है।
अगर सरकार मजदूर हितों की अनदेखी करती है, तो यह आवाज़ और बुलंद होगी।
👉
अगर आप भी देश में न्यायपूर्ण श्रम नीति और मजदूरों के हक में हैं, तो इस लेख को साझा करें।
👇 कमेंट करके बताएं — क्या आपको लगता है यह हड़ताल असरदार होगी?
Must Read This Article :-