तेलंगाना फार्मा फैक्ट्री हादसा: जिंदगी से जंग हार गए 35 मज़दूर, मलबे में अब भी तलाश जारी

तेलंगाना फार्मा फैक्ट्री धमाका: 35 की मौत, रेस्क्यू जारी

 जिंदगी से जंग हार गए 35 मज़दूर

संगारेड्डी (तेलंगाना), 30 जून – सोमवार की सुबह जैसे ही सूरज की पहली

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किरणें पाषमायालाराम इंडस्ट्रियल एरिया पर पड़ीं, एक भीषण धमाके ने

पूरे इलाके को दहला दिया। यह विस्फोट एक फार्मा कंपनी,

सिगाची इंडस्ट्रीज लिमिटेड, में हुआ जिसने देखते ही देखते

तीन मंजिला इमारत को मलबे में तब्दील कर दिया।

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🚨तेलंगाना फार्मा फैक्ट्री धमाका: 35 की मौत,

   चंद सेकेंडों में सब कुछ तबाह

तेलंगाना फार्मा फैक्ट्री धमाका: 35 की मौत, रेस्क्यू जारी जिंदगी से जंग हार गए 35 मज़दूर
तेलंगाना फार्मा फैक्ट्री धमाका: 35 की मौत, रेस्क्यू जारी  जिंदगी से जंग हार गए 35 मज़दूर

धमाका इतना ज़ोरदार था कि आसपास के पांच किलोमीटर तक इसकी आवाज़ सुनाई दी।

देखने वालों  ने बताया कि कुछ मज़दूरों के शरीर हवा में उछलकर दूर जा गिरा ।

आग की लपटों ने कुछ ही  मिनटों में पूरे प्लांट को अपनी आगोश में ले लिया।

इस त्रासदी के समय करीब 108 कर्मचारी फैक्ट्री में मौजूद थे।


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तेलंगाना फार्मा फैक्ट्री धमाका दर्दनाक आंकड़े: मौत का मंजर

  • अब तक 35 लोगों की जान जा चुकी है।

  • 31 शव मलबे से निकाले गए, जबकि बाकी की मौत ,इलाज के दौरान हुई।

  • कई शव इतनी बुरी तरह जल चुके हैं कि पहचान पाना मुश्किल हो गया है।

  • अब तक केवल 9 शवों की पहचान हो पाई है, बाकी के लिए DNA जांच की जा रही है।


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तेलंगाना फार्मा फैक्ट्री धमाका

घायल और अस्पतालों की हालत

  • 21 लोग मियापुर के प्रणाम हॉस्पिटल में भर्ती हुए, जिनमें से 3 की मौत हो गई।

  • पटनचेरु के ध्रुवा हॉस्पिटल में 11 मरीज पहुंचे, जहां 5 गंभीर हालत में वेंटिलेटर पर हैं।

  • अधिकांश को सिर में चोटें और 40-80% तक जलने के घाव हैं।


🌍 तेलंगाना फार्मा फैक्ट्री धमाका: 35 की मौत,

    कौन थे ये मज़दूर?

तेलंगाना फार्मा फैक्ट्री धमाका: 35 की मौत, रेस्क्यू जारी जिंदगी से जंग हार गए 35 मज़दूर
तेलंगाना फार्मा फैक्ट्री धमाका: 35 की मौत, रेस्क्यू जारी  जिंदगी से जंग हार गए 35 मज़दूर

मरने वालों में ज्यादातर प्रवासी श्रमिक हैं, जो बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से आए थे।

वे सभी अपने परिवारों का पेट पालने के लिए इस फैक्ट्री में काम कर रहे थे।

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तेलंगाना फार्मा फैक्ट्री धमाका रेस्क्यू अब भी जारी

राज्य की आपदा प्रतिक्रिया टीम (SDRF), पुलिस और फायर सर्विस लगातार

मलबा हटाकर लोगों की तलाश कर रही हैं। अधिकारियों के मुताबिक,

27 से ज्यादा मज़दूर अब भी लापता हैं और उनके मलबे में दबे होने की आशंका है।


👨‍⚖️ मुख्यमंत्री मौके पर पहुंचे

राज्य के मुख्यमंत्री रेवन्त रेड्डी खुद हादसे के अगले दिन मौके पर

पहुंचे और हालात का जायजा लिया। उन्होंने कहा,

“यह बहुत ही दुखद घटना है। सरकार पीड़ितों के साथ खड़ी है।

सभी घायलों का इलाज मुफ्त में करवाया जा रहा है।”

राज्य सरकार ने एक उच्चस्तरीय जांच समिति गठित की है,

जिसमें आपदा प्रबंधन, श्रम, स्वास्थ्य विभाग और फायर सर्विस के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।


तेलंगाना फार्मा फैक्ट्री धमाका सरकारी प्रतिक्रिया और जांच

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने घटनास्थल का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की।

उन्होंने तत्काल मुआवजे और उच्चस्तरीय जांच का ऐलान किया है।

जांच समिति का गठन:

समिति में शामिल हैं:
✔ मुख्य सचिव
✔ विशेष मुख्य सचिव (आपदा प्रबंधन)
✔ प्रमुख सचिव (श्रम)
✔ प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य)
✔ अतिरिक्त डीजीपी (फायर सेवा)

इस समिति को घटना के कारणों की जांच करने और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं

को रोकने के उपाय सुझाने का काम सौंपा गया है।

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तेलंगाना फार्मा फैक्ट्री धमाका आखिर विस्फोट हुआ क्यों?

अभी तक जो प्रारंभिक जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार धमाका एयर ड्रायर यूनिट

में तकनीकी खराबी की वजह से हुआ। हालांकि कंपनी की वेबसाइट के अनुसार,

सिगाची इंडस्ट्रीज पिछले 40 सालों से फार्मा उत्पाद बना रही है।

श्रम मंत्री जी. विवेक ने कहा कि यह रिएक्टर विस्फोट नहीं, बल्कि ड्रायिंग सिस्टम की खराबी थी।


📉 शेयर बाजार में भी असर

इस हादसे के बाद कंपनी ने अपनी यूनिट को 90 दिन के लिए बंद कर दिया है।

इस खबर के चलते सिगाची इंडस्ट्रीज के शेयरों में 7% तक की गिरावट दर्ज की गई।

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तेलंगाना फार्मा फैक्ट्री धमाका विस्फोट का संभावित कारण

प्रारंभिक जांच के अनुसार, माइक्रोक्रिस्टलाइन सेल्यूलोज (MCC) ड्रायर यूनिट में रासायनिक प्रतिक्रिया

 के कारण विस्फोट हुआ। हालांकि, सटीक वजह अभी पता नहीं चल पाई है।

क्या थी लापरवाही?

  • सुरक्षा उपकरणों की कमी

  • कर्मचारियों को पर्याप्त प्रशिक्षण न देना

  • नियमित इंस्पेक्शन न होना

ऐसी दुर्घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है?

  1. सख्त सुरक्षा नियम – फैक्ट्रियों में नियमित ऑडिट होना चाहिए।

  2. कर्मचारियों को प्रशिक्षण – आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए वर्कर्स को ट्रेनिंग दी जानी चाहिए।

  3. बेहतर इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम – फायर सेफ्टी और मेडिकल सुविधाएं अपग्रेड की जानी चाहिए।

  4. मुआवजा नीति – पीड़ित परिवारों को तुरंत मदद मिलनी चाहिए।

🧠 निष्कर्ष: सिस्टम की चूक या मानवीय लापरवाही?

इस हादसे ने एक बार फिर से देश में औद्योगिक सुरक्षा की पोल खोल दी है।

क्या कंपनियां श्रमिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही हैं? क्या ऐसे हादसे रोके जा सकते हैं?

ये वो सवाल हैं जिनका जवाब अब सरकार और उद्योग दोनों को देना होगा।

✍ आपकी राय?

क्या इस तरह की घटनाओं से बचा जा सकता है?

क्या कंपनी की लापरवाही थी या कोई तकनीकी खामी?

नीचे कमेंट करें और दूसरों के साथ इस खबर को शेयर ज़रूर करें।

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मैं सौरव हूँ, पिछले 3+ वर्षों से एजुकेशन, टेक्नोलॉजी और सरकारी नौकरी से जुड़ी विश्वसनीय और उपयोगी जानकारी पर लिख रहा हूँ।DeshNaukari.com पर मेरा उद्देश्य है कि आप तक हर जरूरी अपडेट सटीक, सरल और भरोसेमंद तरीके से पहुँचाऊँ, ताकि आप बिना किसी उलझन के सही निर्णय ले सकें।मेरा मानना है — तजुर्बा वही मायने रखता है, जो काम आए!